रविवार, 18 जुलाई 2021

कागज पर लिखी बात

 


एक दिन रवि स्टेज पर खड़े होकर भाषण दे रहा था।

इस देश में भाषा रीति-रिवाज सब की दीवारें गिर जानी चाहिए।

क्यों हम ढो रहे है इनको ?

घर की बेटी और बेटा बढ़ा रहे परिवार का अभिमान लेकिन भूल गए है क्या होता है

प्यार। दिल की बस एक ही भाषा होती है वो है प्यार।’’

रवि और सीमा दो अलग भाषा बोलने वाले होते है लेकिन अच्छे दोस्त भी।

तभी स्टेज से उतरकर रवि सीमा से कहता है “शायद तुम्हें मेरी बातें अच्छी ना लगी हो, तुम्हारे रुढ़िवादी विचारों के हिसाब से जो नहीं थी। हमेशा टाल जाती हो जब मैं तुमसे कुछ पूछना चाहता हूं, दोस्त से बढ़कर भी क्या तुम मुझे कुछ मानती हो

सीमा कहती है “चलो मैं तुम्हारे दिल की बात का जवाब दूंगी लेकिन तुम्हारी मां के सामने।’’

“और तुम्हारे माता पिता?” रवि ने कहा।

“उनकी चिंता मत करो तुम्हारी मां की सहमति पहले है।” सीमा ने कहा।

“क्या मैं कुछ वक्त ले सकता हूं” रवि ने कहा।

सीमा ने कहा “बिलकुल लो।’’

रवि की दूसरे शहर में जॉब लग गई, एक दिन एक साल बाद दिवाली पर रवि का फोन आया और वो कहने लगा “तुम्हे दिवाली की बधाई।”

“तुम्हारी मम्मी ने क्या कहा मेरे बारे में।” सीमा ने कहा।

“अरे मेरी हिम्मत नहीं हुई खैर छोड़ो हम दोस्त थे और दोस्त रहेंगे।

अगर किस्मत में रहा तो ज़रुर मिलेंगे।’’ रवि ने कहा।

तभी सीमा ने सोचा कुछ बातें भाषण में ही अच्छी लगती है, लोग कह तो आसानी से देते है लेकिन खुद अमल में नहीं ला पाते है। इसलिए कहते है  कहने से ज्यादा कर्मों पर ध्यान देना ज्यादा ज़रुरी है। जब भी बोलो सोच समझकर बोलना चाहिए।

सीमा ने रवि से कहा चलो “तुम्हें किसी दिन भगवान हिम्मत दे, कि तुम अपने दिल की बात सावर्जनिक

मंच के बजाए घर पर भी कह सको, और हां तुम्हारा ईमेल आयडी दे दो, मेरी शादी का कार्ड भेजना है तुम्हें जो

10 दिन बाद है।’’

रवि को सुनकर बहुत बुरा लगा, कर भी क्या सकता था वक्त जो निकल चुका था।

तभी रवि ने सोचा कि वो जब भी पिता बनेगा तो अपने बच्चों को फ़ैसले लेने का हक उन्हें खुद ही देगा ताकि उनका प्यार भी आधा अधूरा ना रहे, ये बात उसने कुछ दिनों बाद अपनी मां को बताई।

तभी उसकी मां ने कहा “ये बात अगर तुम मुझे बताते, तो ये नौबत ही ना आती, खैर अब चिड़िया चुग गई खेत वाली बात हो चुकी है, अनुशासन का मतलब ये थोड़ी ही है कि तुम अपने दिल की बात भी मुझे ना बताओं, खैर जाने दो पुरानी बातें याद करने से कुछ नहीं मिलता है अब बदलाव तुमको ही लाना है।’’

शिल्पा रोंघे

 

 

 

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