“कितने प्यारे इंसान हो आप, आपकी मुस्कान भी बहुत अच्छी है।’’
“धन्यवाद” ये सुनकर सचिन की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
दिशा की कथक नृत्य के
वीडियो उसके फेसबुक पेज पर डाले गए थे।
कितनी सुंदर थी वो विशाल
नयन और चंद्रमा से भी ज्यादा उजला उसका चेहरा।
सचिन श्याम वर्ण का
तीखे नैन नक्श वाला लड़का था।
मन ही मन उसे चाहने
लगा।
फिर उसने दस दिन बाद
उसे मैसेज किया आपका नृत्य बहुत अच्छा है।
जवाब मिला “धन्यवाद।’’
क्योंकि वो उसके बगल
वाले शहर में ही रहती थी
तो सोचा कि एक दिन
मुलाकात हो जाए।
उसकी फंतासी को एक
महीना हो चुका था उसे लगा वो भी उसे चाहती होगी क्योंकि कभी-कभी उसकी पोस्ट पर
उसका लाईक दिखाई देता
था।
एक दिन उसने निश्चित
किया कि वो उससे मिलने ज़रुर जाएगा।
जैसे- तैसे उसने उसके
घर का पता ढूंढ लिया।
तभी उसकी छोटी बहन
चौंक कर बोली
“एक अनजान इंसान को इस
तरह बिना बताए किसी के घर नहीं आना चाहिए।’’
वो बोला “आपकी बहन से
तो कभी- कभी बात हो जाती है।’’
“इसका अर्थ ये तो नहीं
वो तुमसे प्रेम करती है, पहले सहमति तो ले लेते मिलने से पहले। वो तो अच्छा है कि अभी
हमारे माता पिता घर से बाहर गए हुए है, नहीं तो तुमको देखकर नाराज हो जाते।’’
“क्या मैं एक बार
तुम्हारी बहन से मिल सकता हूं ?”
“वो तो एक साल से कोमा
में है”
“क्या लेकिन वो तो
मुझसे बात करती है।’’ सचिन ने कहा।
“जब उसकी तबीयत बिगड़
रही थी, तो उसने कहा था कि मैं उसके पुराने वीडियो पेज पर डालती रहूं और जो भी उसे
मैसेज करे उसे धन्यवाद देना ना भूले, और एक दिन वो सचमुच कोमा में चली गई।’’
“उसे कब होश आएगा ?”
“पता नहीं कुछ कह सकते
शायद कुछ दिन, कुछ हफ्ते या फिर साल कुछ नहीं कहा जा
सकता है।” दिशा कि बहन
ने कहा।
कुछ देर बाद सचिन उस
अस्पताल पहुंचा जहां वो भर्ती थी।
दिशा का चेहरा पीला
पड़ चुका था और काया सूख चुकी थी, वो ज्यादा देर वहां खड़ा नहीं रह सका।
आंखों में आंसू लेकर वो वहां तेजी से निकल आया और सोचने लगा कि उसने तो वो बात सोच ली कि जो कही भी नहीं गई, क्या होगा अफसाने का जो उसने मन ही मन रच लिया था खैर दोष दे भी तो किसे आनलाईन मायाजाल ही ऐसा है कि इंसान फंतासी को ही हकीकत समझ लेता है और एक दिन उसने अपना सोशल मीडिया प्रोफाईल ही डिलिट कर दिया ये सोचकर कि अब फिर किसी ख़ूबसूरत फ़साने से दिल लगाकर अपने दिल को दर्द के समुंदर में फिर से डूबा ना बैठे।
शिल्पा रोंघे
© सर्वाधिकार सुरक्षित, कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है जिसका जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है।
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